ग्रहण दोष शांति पूजा उज्जैन

यह दोष जीवन में विभिन्न बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता, पारिवारिक समस्याएँ और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए ग्रहण दोष शांति पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है। 

ग्रहण दोष क्या है?

ग्रहण दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है, जब राहु और केतु सूर्य या चंद्रमा के साथ संयोग या दृष्टि संबंध बनाते हैं। यह दोष विशेष रूप से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय जन्मे व्यक्तियों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। ग्रहण दोष से प्रभावित व्यक्ति को जीवन में कष्टो , मानसिक अशांति, स्वास्थ्य समस्याओं, और रिश्तों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रहण दोष के लक्षण क्या है?

ग्रहण दोष के निम्नलिखित लक्षण है-

  • मानसिक तनाव, चिंता का होना। 
  • पारिवारिक सदस्यों के बीच लड़ाई झगड़े होना।
  • पढ़ाई मे एकाग्रता मे कमी होना। 
  • नौकरी मे अस्थिरता होना। 
  • व्यापार मे नुकसान होना। 
  • आर्थिक स्थिति का बिगड़ते ही जाना। 
  • नकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास मे कमी आना। 

ग्रहण दोष के प्रभाव

  • मानसिक अशांति और चिंता: व्यक्ति को हमेशा मानसिक तनाव, भय और अनिश्चितता घेरे रहती है।

  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: शरीर में बार-बार बीमारी, कमजोरी, या अनिद्रा जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

  • आर्थिक समस्याएं: व्यक्ति को आर्थिक अस्थिरता, नौकरी में समस्याएँ या व्यापार में नुकसान झेलना पड़ सकता है।

  • शिक्षा और करियर में बाधाएँ: छात्रों को पढ़ाई में एकाग्रता की कमी, बार-बार असफलता, या लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाइयाँ आती हैं।

  • वैवाहिक जीवन में असंतोष: वैवाहिक जीवन में मतभेद, विलंब से विवाह या तलाक तक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

ग्रहण दोष के उपाय

  • महामृत्युंजय मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • रुद्राभिषेक कराएं और भगवान शिव की आराधना करें।
  • ग्रहण के दिन दान-पुण्य करें (काला तिल, चावल, गुड़, वस्त्र आदि)।
  • पवित्र नदी में स्नान करके ग्रहण दोष निवारण मंत्रों का जाप करें।
  • हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का नियमित पाठ करें।
  • सूर्य और चंद्रमा को अर्घ्य दें, विशेषकर ग्रहण के समय।
  • राहु और केतु की शांति हेतु हवन एवं अनुष्ठान कराएं।
  • ग्रहण काल के दौरान भोजन न करें, ध्यान और मंत्र जाप करें।
  • गर्भवती महिलाएँ ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतें और धार्मिक कार्य करें।

ग्रहण दोष शांति पूजा क्या होती है?

ग्रहण दोष पूजा में विशेष मंत्रों और अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। इसमें राहु और केतु के लिए विशेष मंत्रों का जप, हवन, और अन्य धार्मिक क्रियाएं शामिल होती हैं। पूजा के दौरान सूर्य, चंद्रमा, और नवग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें समर्पित मंत्रों का जाप किया जाता है।

ग्रहण दोष शांति पूजा क्यो की जाती है?

ग्रहण दोष पूजा का मुख्य उद्देश्य ग्रहण दोष के नकारात्मक प्रभावों को सदैव के लिए समाप्त करना और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाना है। यह पूजा राहु और केतु को शांत करने के साथ-साथ सूर्य और चंद्रमा की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली संसयाए दूर होती हैं। 

ग्रहण दोष पूजा मे कितना खर्च आता है?

ग्रहण दोष शांति पूजा का खर्च उस पूजा की विधि, स्थान, और आयोजक पर निर्भर करता है। उज्जैन जैसे तीर्थस्थल में यह पूजा विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है, जहाँ अनुभवी पंडित वैदिक विधि से यह अनुष्ठान संपन्न कराते हैं।

सामान्य पूजा खर्च: ₹2,100 – ₹3,100 पूजा विधि, एक पंडित, सीमित सामग्री सहित। 

मानक विधि से पूजा खर्च: ₹2,500 – ₹3,000 पूर्ण वैदिक मंत्रोच्चार, हवन, पिंडदान, ग्रह शांति सहित। 

विशेष ग्रहण दोष शांति पूजा खर्च: ₹5,000+ कई पंडितों द्वारा, हवन, ब्राह्मण भोजन, दान, मंदिर अभिषेक आदि सहित। 

उज्जैन में ग्रहण दोष शांति पूजा कैसे कराएं?

ग्रहण दोष से मुक्ति पाने के लिए ग्रहण दोष शांति पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण  मनी जाती है। ग्रहण दोष शांति पूजा करवाने के लिए आप उज्जैन के श्रेष्ठ एवं अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी को दोष निवारण पूजाओं का 8 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है। आज ही अपनी पूजा बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।