कालसर्प दोष पूजा बुकिंग उज्जैन
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कालसर्प दोष क्या है?
क्या आपने कभी सोचा कि मेहनत के बावजूद सफलता क्यों नहीं मिल रही? कही इसका कारण कालसर्प दोष तो नहीं। क्या होता है कालसर्प दोष? आइए जानते है। कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष दोष है जो तब बनता है जब जन्म कुंडली के सभी 7 ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। इस स्थिति में कुंडली में एक प्रकार का “सर्पाकार” योग बन जाता है, जिसे कालसर्प दोष कहते हैं। वैदिक शास्त्र मे कालसर्प दोष को एक बहुत ही खतरनाक दोष माना जाता है। व्यक्ति के द्वारा पिछले जन्म मे किए गए पाप के परिणामस्वरूप या किसी सर्प की हत्या या चोट पहुंचाने के कारण कुंडली मे कालसर्प दोष योग बनता है।

कालसर्प दोष के लक्षण क्या है?
कालसर्प दोष के लक्षण निम्नलिखित है-
- व्यापार मे सदैव नुकसान का सामना करना पड़ता है।
- परिवार मे लड़ाई झगड़े होते रहते है।
- घर मे शुभ कार्य नहीं हो पाते है।
- अपने किसी मृत परिजन को स्वप्न मे बार बार देखना।
- अकेलेपन की भावना का बढ़ना।
- मेहनत करने के पश्चात भी सफलता प्राप्त नहीं होती है।
- महत्वपूर्ण कार्यो का न होना।
कालसर्प दोष से मुक्ति के लाभकारी और असरदार उपाय कौन-कौन से है?
कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय निम्नलिखित है-
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- राहू और केतू की पूजा करवाना चाहिए।
- सर्प मंत्र और सर्प गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
- सोमवार का व्रत रखना चाहिए।
- सावन के महीने मे भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए।
कालसर्प दोष के कितने प्रकार होते है?
कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते है-
- अनंत कालसर्प दोष
- कुलीक कालसर्प दोष
- वासुकि कालसर्प दोष
- शंखपाल कालसर्प दोष
- पद्म कालसर्प दोष
- महापद्म कालसर्प दोष
- तक्षक कालसर्प दोष
- कार्कोटक कालसर्प दोष
- शंखचूड कालसर्प दोष
- घातक कालसर्प दोष
- विषधर कालसर्प दोष
- शेषनाग कालसर्प दोष
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा क्या है?
हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है जिसे उन व्यक्तियों द्वारा कराया जाता है जिनकी जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति को कालसर्प दोष कहते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और वैवाहिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
पूजा का उद्देश्य:
कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करना।
जीवन में आ रही बाधाओं, संघर्षों और असमर्थता को दूर करना।
व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाना।
वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में संतुलन स्थापित करना।
पूजा मे राहु और केतु के शांति मंत्रो का जाप किया जाता है, जिससे राहु और केतु का दुष्प्रभाव समाप्त होता है। कालसर्प दोष पूजा बुकिंग उज्जैन में करने के लिए पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करे।

उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा विधि क्या है? कैसे होती है पूजा?
उज्जैन की कालसर्प दोष पूजा एक विधिवत अनुष्ठान है, जो सामान्य रूप से 2-3 घंटे तक चलता है। यहाँ इसकी मुख्य प्रक्रियाएँ दी गई हैं:
शिप्रा स्नान: पूजा की शुरुआत शिप्रा नदी में स्नान से होती है, जो मन और शरीर को शुद्ध करता है।
संकल्प: पंडित यजमान के नाम, गोत्र, और उद्देश्य के साथ संकल्प लेते हैं।
गणेश पूजा: सभी बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
राहु-केतु मंत्र जाप: पंडित “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” और “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः” मंत्रों का जाप करते हैं।
नाग पूजा: नाग देवताओं को दूध, फूल, और चावल चढ़ाए जाते हैं।
हवन: औषधीय सामग्री और घी के साथ हवन किया जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।
ब्राह्मण भोज और दान: पूजा के अंत में ब्राह्मणों को भोजन और दान देकर कर्मिक शुद्धि की जाती है।
जाने क्यों है उज्जैन कालसर्प दोष पूजा बुकिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान?
उज्जैन, भारत की सात पवित्र नगरी में से एक, जो भगवान महाकाल के आशीर्वाद से परिपूर्ण है। यहाँ की क्षिप्रा नदी आत्मा को शुद्ध करती है, और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है। स्कंद पुराण के अनुसार, उज्जैन काल सर्प दोष निवारण का सबसे शक्तिशाली केंद्र है।
उज्जैन क्यों खास है?
महाकालेश्वर मंदिर: भगवान शिव का दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग, जो समय और दोषों पर विजय दिलाता है।
काल भैरव मंदिर: राहु-केतु की शांति के लिए प्रसिद्ध।
क्षिप्रा नदी: इस नदी में स्नान से पाप और दोष से मुक्ति मिलती हैं।
वैदिक पंडित:पंडित अतुल अग्निहोत्री) जैसे विशेषज्ञ प्रामाणिक अनुष्ठान करते हैं।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा बुकिंग में कितना खर्च आता है?
उज्जैन दोष निवारण पूजाओं के लिए प्रसिद्ध शहर है। यहाँ दूर दूर से लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते है और पूजा-अनुष्ठान सम्पन्न कराते है। यहाँ कालसर्प दोष पूजा का विशेष महत्व है। कालसर्प दोष पूजा में खर्च ₹2,100 तक या इससे अधिक भी आ सकता है। यह मात्र एक अनुमानित खर्च है पूजा का सटीक खर्च और पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पंडित अतुल अग्निहोत्री जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा के लाभ:
उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा आपके जीवन को नई ऊर्जा और दिशा देती है। यहाँ प्रमुख लाभ हैं:
दोष निवारण: राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती हैं।
विवाह सुख: विवाह की बाधाएँ दूर होकर वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। और जिनका विवाह नहीं हो रहा हो या कोई बाधा आ रही हो, उनके विवाह के योग बनते है।
करियर उन्नति: नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
स्वास्थ्य लाभ: मानसिक तनाव और बीमारियों से राहत मिलती है।
आर्थिक स्थिरता: कर्ज और नुकसान से मुक्ति प्राप्त होती है।
आध्यात्मिक शांति: भय, चिंता, और नकारात्मकता दूर होती है।
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कब कराये? जाने 2025 में पूजा के शुभ मुहूर्त।
2025 के शुभ मुहूर्तों में से पूजा की तारीख तय की जाती है और पूजा सम्पन्न करायी जाती है ये तिथिया और मुहूर्त निम्नानुसार है:
नाग पंचमी: जुलाई-अगस्त।
अमावस्या: श्रावण/आश्विन मास।
पितृ पक्ष: सितंबर-अक्टूबर।
ग्रहण: सूर्य/चंद्र ग्रहण।
मंगलवार/शनिवार: राहु-केतु के दिन।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है? कौन-सा स्थान है श्रेष्ठ
उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा कई पवित्र स्थानों पर की जाती है, जो इस अनुष्ठान के लिए विशेष महत्व रखते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख स्थान हैं:
1. रामघाट: शिप्रा नदी का पवित्र तट
2. सिद्धवट आश्रम: प्राचीन और शक्तिशाली स्थल
3. अंगारेश्वर मंदिर: मंगल और कालसर्प दोष निवारण का केंद्र
उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा बुकिंग के लिए आचार्य अतुल अग्निहोत्री जी क्यों?
आचार्य अतुल अग्निहोत्री जी उज्जैन में 8+ वर्षों के अनुभव के साथ एक प्रसिद्ध ज्योतिषी और वास्तु विशेषज्ञ हैं। पंडित जी को 8+ वर्षों का वैदिक ज्योतिष और पूजा अनुष्ठानों में अनुभव प्राप्त है।
वैदिक प्रामाणिकता: मंगलनाथ और महाकालेश्वर मंदिरों में विधि-विधान से पूजा।
ग्राहक संतुष्टि: “आचार्य अतुल जी की पूजा ने मेरे जीवन में शांति ला दी।” – शीतल शर्मा।
सुलभता: ऑनलाइन और ऑफलाइन पूजा, किफायती मूल्य (₹2,100 से शुरू)।
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काल सर्प दोष आपके जीवन में कई चुनौतियां ला सकता है, लेकिन उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा बुकिंग के साथ आप इनसे मुक्ति पा सकते हैं। उज्जैन की पवित्र भूमि, भगवान महाकाल का आशीर्वाद, और आचार्य अतुल अग्निहोत्री जी की विशेषज्ञता इस पूजा को अत्यंत प्रभावी बनाती है। अभी कॉल करे उज्जैन के अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी को ओर अपनी पूजा बुक करे।
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा के बाद क्या करें और क्या न करें?
कालसर्प दोष पूजा के बाद कुछ विशेष कार्य करने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और आप इसके दीर्घकालिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नीचे दिए गए कार्यों का पालन करें:
कालसर्प दोष पूजा के बाद क्या करें?
नियमित पूजा और मंत्र जाप
- राहु-केतु मंत्र जाप: रोजाना “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे राहु और केतु का प्रभाव कम होता है।
- शिव पूजा: भगवान शिव की पूजा करें, खासकर सोमवार को। शिवलिंग पर जल, दूध, और बिल्व पत्र अर्पित करें।
- नाग देवता की पूजा: प्रत्येक पंचमी तिथि (नाग पंचमी विशेष रूप से) पर नाग देवता को दूध और फूल अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा पाठ: मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।
सात्विक जीवनशैली अपनाएं
दान और धर्म कार्य
कालसर्प दोष पूजा के बाद क्या न करें?
पूजा का प्रभाव बनाए रखने और दोष के पुनर्जनन से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। निम्नलिखित कार्यों से बचें:
- मांसाहार और तामसिक भोजन से बचें
- मांसाहार, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज, और शराब का सेवन पूजा के बाद कम से कम 3-7 दिन तक न करें। ये तामसिक भोजन राहु और केतु के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं।
- सांपों या अन्य जीवों को नुकसान न पहुंचाएं
- सांपों को मारना, उनके बिल को नष्ट करना, या अन्य जीवों को नुकसान पहुंचाना कालसर्प दोष को पुनर्जनन कर सकता है।
- नकारात्मक विचार और झूठ से बचें
- पूजा के बाद नकारात्मक सोच, क्रोध, या ईर्ष्या से बचें। झूठ बोलना या दूसरों को ठगना राहु के प्रभाव को बढ़ा सकता है।
क्या उज्जैन की कालसर्प दोष पूजा से दोष को हमेशा के लिए हटाया जा सकता है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कालसर्प दोष को पूरी तरह हटाना (permanently remove) संभव नहीं है, क्योंकि यह जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण बनता है, जो जन्म के समय निश्चित होती है। हालांकि, इसके प्रभाव को शांत करना या निष्क्रिय करना संभव है, जिससे यह जीवन पर नकारात्मक असर न डाले। उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा सम्पन्न कराने से इस दोष के नकारात्मक दुष्प्रभावो को पूरी तरह से हटाया जा सकता है।
कालसर्प दोष कितने वर्षो तक रहता है? क्या यह जीवन भर रहता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल सर्प दोष की अवधि 3 मुख्य बातों पर निर्भर करती है, दोष का प्रकार (12 प्रकारों में से कौन-सा है?), राहु-केतु की गोचर स्थिति (चालू ग्रह दशा), जन्म कुंडली में दोष की तीव्रता (सभी ग्रह राहु-केतु के बीच या आंशिक?)। यह दोष तब तक प्रभावी होता है जब तक कोई ज्योतिष उपाय या निवारण पूजा न की जाए। इसकी अवधि लगभग 42+वर्षो तक रह सकती है, किन्तु यह पूरी तरह से दोष के प्रकार पर निर्भर करता है। सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करे।
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा बुक कराये
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कालसर्प दोष पूजा करवानी चाहिए। कालसर्प दोष पूजा बुकिंग उज्जैन मे करवाने के लिए आप पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी को 8 वर्षो से अधिक समय से कालसर्प दोष पूजा, ऋणमुक्तेश्वर पूजा और अन्य दोषो को दूर करने के लिए की जानी वाली पूजाओ का अनुभव प्राप्त है। पूजा बुक करने के लिए नीचे दी हुयी बटन पर अभी क्लिक करके पंडित जी से संपर्क कर सकते है, और अपनी समस्याओ से मुक्ति पा सकते है।