केमद्रुम दोष पूजा उज्जैन

यदि आपकी कुंडली में केमद्रुम दोष है, तो उज्जैन में इस विशेष पूजा का आयोजन कराना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उज्जैन के अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा बुक करे। 

केमद्रुम दोष क्या है?

वैदिक ज्योतिष में केमद्रुम दोष एक अशुभ योग माना जाता है, जो कुंडली में चंद्रमा की विशेष स्थिति के कारण बनता है।केमद्रुम दोष के कारण व्यक्ति को मानसिक अशांति, आर्थिक तंगी, और पारिवारिक समस्याएँ हो सकती हैं। केमद्रुम दोष पूजा इस दोष के दुष्प्रभाव को शांत करने और चंद्रमा की शुभता को बढ़ाने के लिए की जाती है।

यह पूजा विशेष रूप से भगवान शिव और माता गौरी को समर्पित होती है, क्योंकि चंद्रमा शिव के मस्तक पर विराजमान है। उज्जैन, जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थल है, इस पूजा के लिए अत्यंत प्रभावी स्थान माना जाता है।

केमद्रुम दोष कब बनता है?

कुंडली मे चंद्रमा की स्थिति निर्धारित करती है, की कुंडली मे केमद्रुम दोष है या नहीं। निम्न परिस्थितियो मे कुंडली मे केमद्रुम दोष माना जाता है। 

  • यदि व्यक्ति की जन्मकुंडली मे चंद्रमा पर पापी ग्रहो शनि, राहु, केतु या मंगल की दृष्टि पडे।  
  • यदि चंद्रमा नीच राशि जैसी वृश्चिक मे हो या शत्रु ग्रहो के प्रभाव मे हो। 
  • यदि चंद्रमा के दोनों ओर कोई शुभ ग्रह ब्रहस्पति, शुक्र और बुध न हो। 

केमद्रुम दोष के लक्षण क्या है?

केमद्रुम दोष के लक्षण निम्नलिखित है-

  • व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। 
  • व्यक्ति की सोच नकारात्मक हो जाती है। 
  • व्यक्ति खुदखुशी करने तक का सोचने लगता है। 
  • नींद नहीं आने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • मानसिक समस्याओ का सामना करना पड़ता है। 
  • व्यक्ति को हमेशा किसी चीज का डर बना रहता है। 
  • जीवन मे स्थिरता नहीं रहती है। 
  • आर्थिक स्थिति सही नहीं रहती है। 

केमद्रुम दोष के उपाय

केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय निम्नलिखित है-

  • सोमवार को शिव पूजा करनी चाहिए। 
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। 
  • सफ़ेद वस्त्र, चावल, चीनी या दूध का दान करना चाहिए। 
  • चन्द्र मंत्र का जाप करना चाहिए। 
  • चाँदी की अंगूठी मे मोती पहनना चाहिए। 

इन सभी उपायो को अपनाकर केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। 

केमद्रुम दोष पूजा क्या होती है?

केमद्रुम दोष पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है, जो चंद्रमा के दुष्प्रभाव को शांत करने और मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता, और पारिवारिक सौहार्द लाने के लिए किया जाता है। यह पूजा भगवान शिव, माता गौरी, और चंद्र देव को समर्पित होती है। पूजा में चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप, शिवलिंग पर अभिषेक, और हवन शामिल होता है। उज्जैन में यह पूजा विशेष रूप से महाकालेश्वर मंदिर, सिद्ध आश्रम, या शिप्रा नदी तट पर की जाती है, क्योंकि यहाँ की पवित्रता और वैदिक पंडितों की विशेषज्ञता अनुष्ठान को प्रभावी बनाती है।

केमद्रुम दोष पूजा कुंडली से केमद्रुम दोष और इसके दुष्प्रभाव को सदैव के लिए समाप्त करने के लिए की जाती है। पूजा मे चंद्र देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चन्द्र देव के विशेष मंत्रो का जाप किया जाता है। मंत्र जाप के बाद हवन किया जाता है। 

केमद्रुम शांति मंत्र

  • पंचाक्षरी मंत्र – ॐ नमः शिवाय मंत्र 
  • चंद्र शांति मंत्र – ॐ सोमाय नमः
  • चन्द्र शांति तांत्रिक बीज मंत्र – ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
  • महामृत्युंजय मंत्र – ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ ॥

प्रतिदिन स्नान के पश्चात इन मंत्रो का जाप करने से केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव मे कमी आती है। 

केमद्रुम दोष पूजा की लागत

लागत पूजा के प्रकार, पंडितों की संख्या, और सामग्री पर निर्भर करती है:

  • सामान्य पूजा: ₹2,100–₹3,100 (1 पंडित, आवश्यक अनुष्ठान)।
  • विशेष पूजा: ₹5,100+ (2 पंडित, अतिरिक्त मंत्र जाप और हवन)

उज्जैन में केमद्रुम दोष पूजा कैसे बुक करे?

उज्जैन मे केमद्रुम दोष पूजा करवाने के लिए आप पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी को 8 वर्षो से अधिक समय से केमद्रुम दोष पूजा, गुरु चांडाल दोष पूजा और अन्य दोषो को दूर करने के लिए की जानी वाली पूजाओ का अनुभव प्राप्त है। पूजा बुक करने के लिए नीचे दी हुयी बटन पर अभी क्लिक करके पंडित जी से संपर्क कर सकते है, और अपनी समस्याओ से मुक्ति पा सकते है।