मंगल दोष पूजा बुकिंग उज्जैन मंगलनाथ मंदिर
मंगल दोष निवारण पूजा मात्र उज्जैन मे ही संभव है जो की मंगलनाथ मंदिर मे कराई जाती है। मंगल दोष पूजा उज्जैन मे बुक कराने के लिए अभी पंडित जी से संपर्क करे और पूजा की पूरी जानकारी ले।
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मंगल दोष क्या है? क्यो है इस दोष का निवारण आवश्यक!
वैदिक ज्योतिष मे मंगल दोष एक ऐसी स्थिति जिसके कारण व्यक्ति को अपने जीवन मे कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली मे मंगल प्रथम (लग्न), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव मे हो तो व्यक्ति की कुंडली मे मंगल दोष बनता है। जिस व्यक्ति की कुंडली मे मंगल दोष होता है, उसे मांगलिक भी कहा जाता है। जिसके कारण व्यक्ति को जीवन में कई उतार-चड़ाव का सामना करना पड़ सकता है। यह एक गंभीर दोष है जिसका निवारण करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह दोष जीवन में कई तरह की चुनौतियां ला सकता है, जैसे:
वैवाहिक जीवन में समस्याएं: विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में तनाव या असहमति आदि।
करियर में रुकावटें: नौकरी या व्यवसाय में बार-बार असफलता।
स्वास्थ्य समस्याएं: क्रोध, तनाव या शारीरिक समस्याओं का लगातार बने रहना।

मंगल दोष के प्रकार कितने है? क्या ये अलग-अलग रूप से प्रभाव डालते है?
मंगल दोष की गंभीरता और प्रभाव कुंडली में मंगल की स्थिति और अन्य ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करते हैं। इसे मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा जाता है:
पूर्ण मंगल दोष: जब मंगल उपरोक्त भावों में अकेले या बिना किसी शुभ ग्रह (जैसे गुरु या शुक्र) के प्रभाव के होता है। यह गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
आंशिक मंगल दोष: जब मंगल पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो या वह कमजोर स्थिति में हो। इसके प्रभाव कम गंभीर होते हैं।
मंगल दोष के कारण क्या होते है?
मंगल दोष का कुंडली मे पाया जाना निम्नलिखित ज्योतिषीय स्थितियों के कारण होता है:
मंगल की स्थिति: मंगल ग्रह का 1st, 2nd, 4th, 7th, 8th, या 12th भाव में होना।
मंगल की दृष्टि: मंगल की दृष्टि (4th, 7th, और 8th भाव पर) भी संबंधित भावों को प्रभावित करती है, जिससे दोष की तीव्रता बढ़ सकती है।
अन्य ग्रहों का प्रभाव: यदि मंगल पर शनि, राहु, या केतु जैसे पाप ग्रहों का प्रभाव हो, तो दोष अधिक गंभीर हो सकता है।
कर्म और पिछले जन्म: कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि मंगल दोष पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम हो सकता है।
मंगल दोष के लक्षण क्या है?
मंगल दोष के लक्षण निम्नलिखित है-
विवाह मे देरी होती है, बार – बार रिश्ता टूट जाता है, पारिवारिक संबंधो मे तनाव बना रहता है, ससुराल पक्ष से रिश्ते सही नहीं रहते है, शादी के बाद भी अपने जीवनसाथी के साथ संबंध सही नहीं रहता है, गुस्सा आना और लोगो का मनमुटाव होना।
मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए कौन-से उपाय अपनाना चाहिए?
मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय निम्नलिखित है-
- मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
- मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
- लाल रंग के कपड़े पहनकर हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाये।
- तीन मुखी रुद्राक्ष या मूंगा रत्न किसी ज्योतिष की सलाह से धारण करना चाहिए।
- विवाह से पहले नीम का पेड़ लगाना चाहिए।
- बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
- लाल मिर्च, गुड, लाल रंग के वस्त्र, शहद, लाल रंग की मिठाई या मसूर की दाल का दान करना चाहिए।
इन उपायो को अपनाकर मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मंगल दोष पूजा क्या होती है? उज्जैन में यह पूजा करना क्यों है खास!
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर: मंगल ग्रह का जन्मस्थान होने के कारण उज्जैन पूजा के लिए सबसे शुभ स्थान है। यहाँ भात पूजा (चावल अर्पण) की जाती है। मंगल दोष पूजा कुंडली से मंगल दोष और इसके दुष्प्रभाव को सदैव के लिए समाप्त करने के लिए की जाती है। यह पूजा मांगलिक व्यक्तियों के लिए विवाह से पूर्व की जाती है, ताकि शादी मे आ रही सभी बाधाए समाप्त हो जाए। यह पूजा न केवल मंगल दोष के प्रभावों को कम करती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि भी लाती है।
मंगल दोष पूजा प्रक्रिया:
क्षिप्रा नदी में स्नान।
संकल्प-विधि
गौरी-गणेश पूजा, नवग्रह पूजा।
शिवलिंग अभिषेक, भात अर्पण।
मंगल मंत्र जाप (ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः), और हवन।
क्यो है उज्जैन मंगल दोष पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थान?
उज्जैन, भारत की आध्यात्मिक नगरी, भगवान महाकाल की पवित्र भूमि है। यह शहर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ज्योतिषीय और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। मंगल दोष पूजा के लिए उज्जैन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि:
मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन में स्थित है, जो मंगल ग्रह का जन्मस्थल माना जाता है।
यहां की गई पूजा विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है।
महाकाल की नगरी में की गई पूजा का फल शीघ्र और पूर्ण माना गया है।
उज्जैन न केवल मंगलनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह शहर आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी है। यहां की मंगल दोष पूजा आपके जीवन में स्थायी सकारात्मक बदलाव ला सकती है। इसके अलावा, उज्जैन रेल, सड़क और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक विधियों के साथ पूजा, मंगलनाथ मंदिर और शिप्रा नदी का पवित्र वातावरण आदि है।
उज्जैन मे मंगल भात पूजा के सकारात्मक लाभ क्या है?
विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिरता में सुधार होता है।
मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
कर्मिक बोझ कम होता है।
नौकरी और व्यवसाय में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
मंगल दोष शांति मंत्र कौन-कौन से है?
- ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम ।।
- ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।
- ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि, तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।।
प्रतिदिन स्नान के पश्चात इन शांति मंत्रो का जाप करना चाहिए।
उज्जैन मे मंगल दोष पूजा में कितना खर्च आता है?
उज्जैन में मंगल दोष पूजा की लागत इस प्रकार है, यह पूजा पंडित, दोष के प्रकार और सामग्री पर निर्भर करती है। सामान्य पूजा (₹2,100–₹3,500), विशेष पूजा (₹4000–₹7,500)। पूजा की सटीक जानकारी के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करें और अपनी पूजा बुक करें।
मंगल दोष पूजा कब करनी चाहिए?
यह दोष व्यक्ति के विवाह, वैवाहिक जीवन, क्रोध की प्रवृत्ति, स्वास्थ्य और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में मंगल दोष की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है, लेकिन यह पूजा उचित समय पर करना भी उतना ही आवश्यक होता है। मंगल दोष पूजा के लिए सबसे उपयुक्त दिन मंगलवार होता है, क्योंकि यह दिन मंगल ग्रह को समर्पित है। इसके अलावा, जब मंगल अपने नक्षत्र में हो या ग्रह की शांति के लिए अनुकूल मुहूर्त हो, तब पूजा करना विशेष रूप से शुभ फलदायी होता है।
विशेष तिथियाँ
मंगलवार (Tuesday): मंगल ग्रह का दिन, जो पूजा की शक्ति को बढ़ाता है।
चन्द्र ग्रहण/सूर्य ग्रहण: ग्रहण काल के बाद का समय।
नवरात्रि: चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा खर्च कितना है?
उज्जैन में मंगल दोष पूजा का खर्च ₹2,100 से ₹7,500 तक होता है, जो पूजा की विधि और सामग्री पर निर्भर करता है। आप ऑनलाइन या सीधे पंडित से संपर्क करके उज्जैन में पूजा बुक कर सकते हैं।
मंगल दोष पूजा का सर्वोत्तम स्थान कौन-सा है?
उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना गया है। यहां मंगल दोष पूजा कराने से विशेष फल प्राप्त होता है। अनुभवी पंडित वेदिक विधि से पूजन, हवन और अभिषेक कराते हैं।
किसे करवानी चाहिए मंगल दोष पूजा?
मंगल दोष पूजा उन लोगो को करवाना चाहिए जिनकी शादी में बार-बार रुकावट आ रही हो, वैवाहिक जीवन में अशांति या तलाक की स्थिति बन रही हो, जिनकी कुंडली में मंगलीक योग बना हो, बार-बार दुर्घटनाओं या स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हों।
क्या मंगल दोष कुंडली से हमेशा के लिए हटाया जा सकता है?
जी हाँ, यह दोष समाप्त किया जा सकता है। मंगल दोष एक सामान्य लेकिन गंभीर ज्योतिषीय समस्या है, जिसका समय रहते निवारण जरूरी है। उज्जैन में की गई विशेष पूजा न केवल आपकी कुंडली को संतुलित करती है, बल्कि जीवन में सुख, सफलता और वैवाहिक सामंजस्य भी लाती है।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा कैसे बुक करे?
मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए मंगल दोष पूजा करवानी चाहिए। उज्जैन मे मंगल दोष पूजा करवाने के लिए आप पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी को 8 वर्षो से अधिक समय से मंगल दोष पूजा, कालसर्प दोष पूजा और अन्य दोषो को दूर करने के लिए की जानी वाली पूजाओ का अनुभव प्राप्त है। पूजा बुक करने के लिए नीचे दी हुयी बटन पर अभी क्लिक करके पंडित जी से संपर्क कर सकते है, और अपनी समस्याओ से मुक्ति पा सकते है।