विष दोष पूजा उज्जैन
विष दोष एक ज्योतिषीय योग है, यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, आत्मविश्वास की कमी, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए पंडित अतुल अग्निहोत्री जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे।
- कम खर्च मे पूजा कराये
- अनुभवी पंडित जी
- निशुल्क बुकिंग
- कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
विष दोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र मे व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार कुंडली मे कई प्रकार के शुभ और अशुभ योग बनते है। शुभ योग जीवन के लिए लाभदायक होते है। किन्तु अशुभ योग जीवन मे संघर्ष और परेशानियों का कारण बनते है। इन्ही अशुभ दोषो मे से एक दोष है विष दोष। यह दोष कुंडली मे तब बनता है, जब शनि, राहु और केतु जैसे ग्रह सूर्य और चंद्रमा के साथ शुभ स्थिति मे नहीं होते है। जब राहु चन्द्रमा के साथ होता है, तो इसे चन्द्र विष दोष कहा जाता है। कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव मे राहु, केतु, या शनि की अशुभ दृष्टि हो, तब कुंडली मे विष दोष बनता है।

विष दोष के लक्षण क्या है?
विष दोष के सामान्य लक्षण निम्नलिखित है-
- बार बार स्वस्थ्य संबंधी समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
- मानसिक तनाव अधिक रहता है।
- परिवार मे सदस्यो के बीच कलेश और मतभेद का बना रहना।
- वैवाहिक जीवन मे लड़ाई झगड़े होते रहते है।
- संतान प्राप्ति मे समस्या आती है।
- व्यवसाय मे हानि का सामना करना पड़ता है।
- आत्मविश्वास मे कमी आती है।
विष दोष के उपाय कौन-कौन से है?
विष दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय निम्नलिखित है-
- भगवान शिव की पूजा करना चाहिए।
- नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- पक्षियो और जानवरो को भोजन देना चाहिए।
- जरूरतमंद व्यक्तियों को कंबल, काले तिल का दान करना चाहिए।
- अनुभवी पंडित जी की सलाह से राहु और केतु के लिए गोमेद और लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।
इन सभी उपायो को अपनाकर विष दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उज्जैन मे विष दोष पूजा क्यो की जाती है?
विष दोष पूजा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के जीवन से विषाक्त ऊर्जा और ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करना है। यह पूजा विशेष रूप से भगवान शिव और राहू-केतू की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है, क्योंकि शिवजी को “विष हरण करने वाले” देवता माना जाता है।। यह पूजा विष दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करती है, जिससे जीवन मे सकारात्मक्ता मे वृद्धि होती है।
उज्जैन में विष दोष पूजा का महत्व क्या होता है?
उज्जैन, जो भगवान महाकालेश्वर के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग का स्थल है, विश दोष पूजा के लिए एक प्रमुख केंद्र है। यहाँ के प्रमुख कारण हैं:
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: इसकी पवित्रता सूर्य और शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने में सहायक है।
शिप्रा नदी: पूजा से पहले शिप्रा जी में स्नान कर्मिक दोषों और नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करता है।
वैदिक पंडित: उज्जैन के पंडित वैदिक मंत्रों और अनुष्ठानों में योग्यता रखते हैं, जो पूजा की प्रामाणिकता सुनिश्चित करते हैं।
सूर्य और शनि से संबंधित स्थल: उज्जैन में नवग्रह मंदिर और सिद्धनाथ मंदिर सूर्य और शनि की पूजा के लिए उपयुक्त हैं।
ऑनलाइन सुविधा: विश्व भर के भक्त वीडियो कॉल के माध्यम से पूजा में शामिल हो सकते हैं और प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं।
विश दोष पूजा के लाभ कौन-कौन से होते है?
यह पूजा निम्नलिखित लाभ प्रदान कर सकती है:
पारिवारिक शांति: पिता और परिवार के साथ रिश्तों में सुधारऔर मधुरता आती है।
आर्थिक स्थिरता: कर्ज से मुक्ति, आय में वृद्धि, और व्यापार में लाभ मिलता है।
स्वास्थ्य सुधार: हृदय, नेत्र, और हड्डियों से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है।
मानसिक शांति: तनाव, क्रोध, और आत्मविश्वास की कमी से मुक्तिमिलती है।
करियर में सफलता: नौकरी में उन्नति, सरकारी मामलों में सफलता, और बाधाओं का निवारण होता है।
आध्यात्मिक उन्नति: कर्मिक दोषों की शुद्धि और शिव की कृपा प्राप्त होती है।
उज्जैन में विष दोष पूजा का खर्च कितना आता है?
उज्जैन मे विष दोष पूजा कराने के लिए के लिए पंडित जी से उसकी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य है। पूजा खर्च पूजा की सामग्री और प्रकार पर निर्भर करता है। यहाँ पूजा का खर्च लगभग ₹2, 100 + हो सकता है और जानकारी के लिए पंडित से संपर्क करें।
विष दोष पूजा कैसे बुक करे?
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर और अन्य प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंग मंदिरों में विष दोष निवारण पूजा करवाई जा सकती है। उज्जैन के अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करके शुभ मुहूर्त में यह अनुष्ठान संपन्न कराया जा सकता है। आज ही अपनी पूजा बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और इस दोष से छुटकारा पाएँ।