महामृत्युंजय जाप पूजा कब की जाती है? जाने पूजा विधि और लाभ
महामृत्युंजय जाप पूजा एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इसे सही समय और परिस्थिति में करने से इसके लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं। चाहे आप स्वास्थ्य, शांति, या आध्यात्मिक उन्नति के लिए यह पूजा करें, शुभ मुहूर्त और उचित विधि का पालन करना महत्वपूर्ण है।
महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद के सातवें मंडल में उल्लिखित है और इसे मार्कण्डेय ऋषि द्वारा प्राप्त माना जाता है। इस मंत्र का जाप और पूजा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है। मंत्र इस प्रकार है:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इसका अर्थ है कि हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित और पोषण देने वाले हैं। जैसे ककड़ी बेल से मुक्त हो जाती है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें और अमरता प्रदान करें।
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा कब करानी चाहिए?

महामृत्युंजय जाप एक पवित्र वैदिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस जाप का मुख्य उद्देश्य होता है – मृत्यु तुल्य कष्टों से मुक्ति, लंबी आयु, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति। उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा के लिए कुछ विशेष समय, अवसर, और परिस्थितियाँ शास्त्रों में बताई गई हैं। नीचे इसके प्रमुख अवसरों और समय का वर्णन किया गया है:
1. श्रावण मास में
श्रावण मास भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इस महीने में महामृत्युंजय जाप पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को और सावन के अंतिम सोमवार या श्रावण पूर्णिमा पर ये जाप अवश्य कराना चाहिए। यह समय स्वास्थ्य सुधार, नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
2. महाशिवरात्रि के अवसर पर
महाशिवरात्रि भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण और प्रिय पर्व है। इस दिन महामृत्युंजय जाप पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। महाशिवरात्रि की रात या दिन में या विशेष रूप से रात्रि के चार प्रहरों में जाप और हवन करना उत्तम माना जाता है। यह पूजा गंभीर रोगों से मुक्ति, ग्रह दोष निवारण, और आत्मिक शांति के लिए प्रभावी मानी जाती है।
3. प्रदोष तिथि पर
प्रदोष तिथि (त्रयोदशी) भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन महामृत्युंजय जाप पूजा करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि, विशेष रूप से सोम प्रदोष पर कराना चाहिए। सूर्यास्त के समय या प्रदोष काल में। यह समय पारिवारिक सुख-शांति और बाधा निवारण के लिए उपयुक्त है।
4. गंभीर बीमारी या संकट के समय
महामृत्युंजय जाप पूजा विशेष रूप से गंभीर बीमारियों, असाध्य रोगों, या जीवन-मृत्यु की स्थिति में की जाती है। जैसे:- जब कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो, दुर्घटना या संकट के समय, शल्य चिकित्सा (सर्जरी) से पहले या बाद में। यह पूजा मृत्यु के भय को दूर करती है और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
5. जन्मदिन या विशेष अवसरों पर
जन्मदिन, विवाह, या अन्य शुभ अवसरों पर महामृत्युंजय जाप पूजा करने से दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ये जाप जन्मदिन की सुबह या किसी शुभ मुहूर्त में, परिवार में किसी नए कार्य की शुरुआत के समय कराया जा सकता है। यह पूजा जीवन में सकारात्मकता और सफलता लाती है।
6. ग्रह दोष निवारण के लिए
कुंडली में राहु, केतु, या शनि जैसे ग्रहों के दोष होने पर यह पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। ज्योतिषी की सलाह पर शुभ मुहूर्त में, शनिवार या अमावस्या के दिन, यदि ग्रह दोष अधिक प्रभावी हों तो। यह ग्रह दोषों को शांत करती है और जीवन में स्थिरता लाती है।
7. सामूहिक कल्याण के लिए
सामूहिक महामृत्युंजय जाप पूजा सामुदायिक कल्याण, प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, और सामाजिक शांति के लिए की जाती है। यह विशेष रूप से किसी सामुदायिक संकट या आपदा के समय या मंदिरों में विशेष आयोजनों के दौरान करना चाहिए। यह पूजा सामूहिक ऊर्जा को बढ़ाती है और सकारात्मक वातावरण बनाती है।
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप के लिए कौन-सा दिन और मुहूर्त सही हैं?
- सोमवार (Monday): शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है।
- महाशिवरात्रि और सावन मास: इस महीने में जाप करने से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है।
- प्रदोष व्रत का दिन: इस दिन सिद्ध योग माने जाते हैं।
- ज्योतिषीय विशेष मुहूर्त: पंडित की सलाह पर अपनी कुंडली के अनुसार मुहूर्त निकलवाये।
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा की विधि क्या है?
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा को निम्नलिखित विधि से किया जा सकता है:
- शुद्धिकरण: स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- शिवलिंग स्थापना: शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: बिल्वपत्र, दूध, शहद, घी, चंदन, फूल, और धूप तैयार करें।
- मंत्र जाप: रुद्राक्ष माला से 108, 1008, या अधिक बार मंत्र जाप करें।
- हवन (वैकल्पिक): यदि संभव हो, तो पंडित की देखरेख में हवन करें और प्रत्येक मंत्र के साथ “स्वाहा” कहकर आहुति दें।
- आरती और दान: पूजा के अंत में शिव आरती करें और जरूरतमंदों को दान दें।
महामृत्युंजय जाप पूजा के लाभ क्या है?
- स्वास्थ्य और दीर्घायु: यह पूजा गंभीर रोगों से मुक्ति और लंबी आयु प्रदान करती है।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: घर और मन से नकारात्मकता दूर होती है।
- आध्यात्मिक शांति: यह पूजा आत्मिक शांति और मोक्ष की ओर ले जाती है।
- ग्रह दोष निवारण: कुंडली के दोषों को दूर कर शांति प्रदान करती है।
महामृत्युंजय जाप केवल एक पूजा नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा और आत्मा की जागरूकता का एक अद्भुत माध्यम है। जब जीवन में संकट, भय, और असहायता महसूस हो उस समय भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना ही सबसे सही निर्णय है।
उज्जैन में महामृत्युंजय मंत्र जाप पूजा में कितना खर्च आता है?
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा का खर्च कई बातों पर निर्भर करता है जैसे: जाप की कुल संख्या (11,000, 1.25 लाख, 5.25 लाख या 11 लाख), कितने ब्राह्मणों द्वारा कराया जा रहा है, हवन, पूजन सामग्री, रुद्राभिषेक और अन्य विधान शामिल हैं या नहीं, स्थान (मंदिर में या घर/ऑनलाइन)।
यहाँ पर एक अनुमानित खर्च सूची दी गई है:
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा का अनुमानित खर्च:
जाप प्रकार | ब्राह्मणों की संख्या | पूजा अवधि | अनुमानित खर्च (INR) |
---|---|---|---|
11,000 जाप | 1 ब्राह्मण | 1 दिन | ₹5,000 – ₹5,500 |
1.25 लाख जाप | 5-7 ब्राह्मण | 3-5 दिन | ₹5,500 – ₹7,000 |
5.25 लाख जाप | 9-11 ब्राह्मण | 5-7 दिन | ₹7,500 – ₹11,000 |
11 लाख जाप | 11+ ब्राह्मण | 10-11 दिन | ₹11,000 – ₹21,000 |
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा की बुकिंग कैसे करें?
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