नागपंचमी पर उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा

नागपंचमी पर उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा 2025: Booking Now

नाग पंचमी, हिंदू धर्म में विशेष और महत्वपूर्ण पर्व है, जो सर्प देवताओं की पूजा और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। यह दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और उज्जैन, जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का पवित्र स्थल है, इस पूजा के लिए आदर्श स्थान है।

कालसर्प दोष, जिसे समय का सर्प दोष भी कहा जाता है, तबदेखने को मिलता है जब सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि राहु और केतु के बीच कुंडली में फंस जाते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को निम्न लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है:

  • लगातार स्वास्थ्य समस्याएं
  • करियर में रुकावट या आर्थिक अस्थिरता
  • विवाह या संतान प्राप्ति में देरी
  • पारिवारिक रिश्तों में तनाव
  • अकारण चिंता या भय, आदि।

नाग पंचमी के दिन उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा आपके जीवन की सभी परेशानियों और रुकावटों को दूर करने और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक अनमोल अवसर है। उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी और महाकालेश्वर मंदिर की ऊर्जा इस अनुष्ठान को और भी अधिक प्रभावी बनाती है।

नागपंचमी – कालसर्प दोष पूजा के लिए क्यों है सबसे शुभ दिन?

नागपंचमी पर नाग देवता की पूजा की जाती है और यह दिन विशेष रूप से राहु-केतु के दोष निवारण के लिए श्रेष्ठ माना गया है। नागपंचमी के दिन उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराने से दोष से मुक्ति मिलती है और निम्न लाभ मिलते हैं:

  • जन्मकुंडली में राहु-केतु की अशुभता कम होती है
  • मानसिक व आत्मिक शांति प्राप्त होती है
  • जीवन में रुकावटें दूर होती हैं
  • नाग देवता का आशीर्वाद मिलता है।

नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025 (मंगलवार) को मनाया जाएगा। यह दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए अत्यंत प्रभावी और शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन नाग देवता की पूजा से राहु-केतु के प्रभाव शांत होते हैं तथा भगवान शिव और नाग देवता की कृपा प्राप्त होती है।

नागपंचमी पर उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कैसे कराएं? बुकिंग प्रक्रिया

यदि आप इस विशेष अवसर पर उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

  1. ऑनलाइन बुकिंग: पहले से बुकिंग करना आवश्यक है क्योंकि नागपंचमी पर श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती है।
  2. कुंडली की जानकारी साझा करें: ताकि आपकी पूजा व्यक्तिगत दोष के अनुसार हो सके।
  3. पूजा सामग्री और व्यवस्था: पंडित जी ही सारी सामग्री की व्यवस्था करते हैं।
  4. पूजा स्थल: काल भैरव मंदिर, सिद्धवट, या त्रिवेणी संगम के निकट पूजा होती है।

पूजा बुकिंग के लिए कॉल करें या व्हाट्सएप करें:
9644451903 / https://atulastrology.com/

नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष पूजा क्यों करानी चाहिए?

यह दिन नाग देवता और राहु-केतु से संबंधित है, इसलिए पूजा का प्रभाव कई गुना अधिक होता है। नागपंचमी का पर्व सांपों की पूजा और आदर के साथ मनाया जाता है, यह दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा कराने से भगवान शिव और नाग देवता की कृपा तथा आशीर्वाद से दोष निवारण में शीघ्र लाभ मिलता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा- क्यों है यह स्थान विशेष?

उज्जैन को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भूमि कहा जाता है। यहां की भूमि में विशेष ऊर्जा होती है, जो किसी भी दोष निवारण में सहायक मानी जाती है। उज्जैन में पूजा करने के लाभ:

  • अनुभवी और योग्य पुरोहितों द्वारा वैदिक विधि से पूजा
  • महाकालेश्वर मंदिर का प्रभाव
  • त्रिवेणी संगम में स्नान का लाभ

नागपंचमी पर कालसर्प दोष पूजा कराने से कौन-से लाभ मिलते है?

  • कुंडली दोष निवारण: कालसर्प दोष के कारण होने वाली जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  • सांपों का भय कम: नाग देवता की कृपा से विषैले जीवों का भय दूर होता है।
  • पारिवारिक सुख: पारिवारिक रिश्तों में मधुरता आती है, विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
  • आर्थिक लाभ: सभी कार्यो में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है। नौकरी और व्यापार में बढ़ोत्तरी होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: रोगों में कमी और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

नागपंचमी के दिन उज्जैन में होने वाली कालसर्प पूजा की विधि

नाग पंचमी के दिन उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें मंत्र जाप, अभिषेक और हवन शामिल होते हैं। यह पूजा अनुभवी पंडितों द्वारा की जाती है, जो राहु और केतु को शांत करने के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण करते हैं। इस पूजा की प्रक्रिया निम्नानुसार है:

  • संकल्प: पूजा की शुरुआत में भक्त का नाम, जन्म विवरण (तारीख, समय, स्थान) और उद्देश्य (जैसे स्वास्थ्य, समृद्धि) भगवान शिव को समर्पित किए जाते हैं।
  • गणेश पूजा: बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा पहले की जाती है।
  • नवग्रह पूजा: नौ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा।
  • मंत्र जाप: पंडित भगवान शिव और सर्प देवताओं के लिए मंत्रों का जाप करते हैं, जिसमें राहु-केतु शांति मंत्र शामिल हैं।
  • अभिषेक: शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी और शिप्रा नदी के जल से अभिषेक किया जाता है।
  • नाग पूजा: सर्प देवताओं को प्रसन्न करने के लिए चांदी के नाग-नागिन की पूजा।
  • हवन: पवित्र अग्नि में घी, जड़ी-बूटियां और लकड़ी की आहुति दी जाती है।
  • प्रसाद वितरण: भक्तों को रुद्राक्ष या पवित्र धागा जैसे प्रसाद दिए जाते हैं।

उज्जैन में नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करे?

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराने के लिये सर्वप्रथम उज्जैन के अनुभवी और योग्य पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करे और अपनी पूजा बुकिंग की सटीक जानकारी प्राप्त करे। आज ही अपनी पूजा बुक करे और दोष से छुटकारा पाये।

Similar Posts

Leave a Reply