उज्जैन में कैसे कराएँ मंगल दोष पूजा? मंगलनाथ मंदिर में पाये समाधान
मंगल दोष, जिसे मांगलिक दोष के नाम से भी जाना जाता है, वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण स्थिति है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे विवाह, स्वास्थ्य और करियर में बाधाएं पैदा कर सकती है। उज्जैन, जो अपनी आध्यात्मिक शक्ति और मंगलनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, मंगल दोष निवारण पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा, विशेष रूप से मंगलनाथ मंदिर और राम घाट पर, मंगल दोष से प्रभावित लोगों के लिए एक आध्यात्मिक समाधान है। यह पूजा विवाह, स्वास्थ्य, करियर और मानसिक शांति में सुधार लाने का अवसर प्रदान करती है। मंगलनाथ मंदिर की पवित्रता और क्षिप्रा नदी की शक्ति इस अनुष्ठान को और प्रभावी बनाती है।
मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष तब होता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है (लग्न, चंद्र या नवमांश कुंडली से गणना की जाती है)। मंगल, जो ऊर्जा, साहस और क्रोध का प्रतीक है, यदि अशुभ स्थिति में हो तो जीवन में असंतुलन पैदा कर सकता है। इसके प्रभाव इस प्रकार हो सकते हैं:
- विवाह में रुकावटें: विवाह में देरी, रिश्तों में तनाव या असफल प्रस्ताव।
- स्वास्थ्य समस्याएं: रक्तचाप, चोट, त्वचा रोग या तनाव से संबंधित बीमारियां।
- करियर और वित्तीय बाधाएं: नौकरी में अस्थिरता, आर्थिक नुकसान या कार्यस्थल पर विवाद।
- मानसिक और भावनात्मक चुनौतियां: क्रोध, चिड़चिड़ापन, निर्णय लेने में कठिनाई या आत्मविश्वास की कमी।
मंगल दोष के प्रभाव और उपाय
मंगल दोष, जिसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में तब होता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो। यह स्थिति विवाह में देरी, दांपत्य जीवन में तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं जैसे रक्तचाप, चोट या तनाव, और करियर में अस्थिरता, आर्थिक नुकसान या कार्यस्थल पर विवाद का कारण बन सकती है। इसके अतिरिक्त, मंगल दोष क्रोध, चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास की कमी और पारिवारिक मतभेद जैसे भावनात्मक और सामाजिक प्रभाव भी पैदा कर सकता है। इन प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे प्रभावी उपाय है उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में मंगल भट पूजा या मंगल शांति पूजा, जो मंगल ग्रह को शांत करती है। अन्य उपायों में मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ, लाल मसूर या लाल वस्त्र का दान, मंगल यंत्र की पूजा, और ज्योतिषी की सलाह पर मूंगा रत्न धारण करना शामिल है। नियमित रूप से “ॐ मंगल मंगलाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप और मंगलवार को व्रत रखना भी लाभकारी है। ये उपाय पिछले जन्मों के कर्मों को शुद्ध करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने में मदद कर सकते हैं, हालांकि ये ज्योतिषीय विश्वासों पर आधारित हैं और वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव है।
मंगल दोष के प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और मंगल की स्थिति पर निर्भर करते हैं। सामान्य प्रभावों में शामिल हैं:
- वैवाहिक जीवन
- स्वास्थ्य समस्या
- करियर और वित्त
- पारिवारिक और सामाजिक जीवन
उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा
मंगल दोष पूजा, जिसे मंगल भात पूजा भी कहा जाता है, एक 2-3 घंटे का वैदिक अनुष्ठान है जो मंगलनाथ मंदिर या राम घाट पर किया जाता है। यह पूजा मंगल ग्रह को शांत करने और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है।
मंगल दोष की पूजा-विधि
- क्षिप्रा नदी में स्नान:
- भक्त राम घाट पर स्नान करते हैं ताकि शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त हो।
- संकल्प:
- पंडित भक्त का नाम, गोत्र और पूजा का उद्देश्य (जैसे विवाह, स्वास्थ्य) उच्चारण करते हैं। यदि गोत्र अज्ञात हो, तो कश्यप गोत्र का उपयोग किया जाता है।
- गणेश-गौरी पूजा:
- बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश और माता गौरी की पूजा की जाती है।
- नवग्रह पूजा:
- नौ ग्रहों की पूजा की जाती है, जिसमें मंगल ग्रह पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- शिवलिंग अभिषेक:
- शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), बेलपत्र, लाल फूल और चंदन चढ़ाया जाता है।
- मंगल मंत्र जाप:
- “ॐ मंगल मंगलाय नमः” या “ॐ अंग अंगारकाय नमः” मंत्र का 108 से 1000 बार जाप किया जाता है, रुद्राक्ष या मूंगा माला का उपयोग करके।
- भट अर्पण:
- भक्त चावल (भट) अर्पित करते हैं, जो मंगल के नकारात्मक प्रभावों को समर्पित करने का प्रतीक है।
- हवन:
- काले तिल, घी और चंदन की लकड़ी के साथ हवन किया जाता है ताकि नकारात्मक कर्म जल जाएं।
- आरती और प्रसाद:
- पूजा शिव आरती के साथ समाप्त होती है, और प्रसाद (पंचमेवा, रुद्राक्ष माला या भट) वितरित किया जाता है।
मंगल दोष पूजा की पूजा सामग्री
पंडित सभी सामग्री (लाल फूल, मूंगा, चावल, घी, तिल, बेलपत्र, गंगाजल) प्रदान करते हैं। भक्त वैकल्पिक रूप से गंगाजल या बेलपत्र ला सकते हैं।
मंगल दोष पूजा के प्रकार और खर्च
मंगल भात पूजा: यह पूजा चावल अर्पण और मूल मंत्र जाप के साथ आधारभूत रूप से की जाती है। इस पूजा से विवाह और रिश्तों में सामंजस्य बना रहता है। मंगल भात पूजा का खर्च लगभग ₹2,100–₹5,100 तक हो सकता है।
मंगल शांति पूजा : मंगल शांति पूजा, विस्तारित मंत्र जाप और हवन के साथ व्यापक यह पूजा सम्पन्न की जाती है। स्वास्थ्य, करियर और वित्तीय स्थिरता में लाभ मिलता है। इस पूजा का खर्च ₹3,100–₹5,000 तक हो सकता है। पूजा की सटीक जानकारी के लिए पंडित जी से संपर्क करें।
कुंभ विवाह/अर्क विवाह : गंभीर दोष के लिए महिलाओं (कुंभ) या पुरुषों (अर्क) के लिए प्रतीकात्मक विवाह कराया जाता है। इस पूजा से गंभीर मंगल दोष निवारण होता है। पूजा खर्च लगभग ₹7,500+ हो सकता है।
मंगल दोष पूजा के लाभ
मंगल दोष पूजा से निम्नलिखित लाभ माने जाते हैं:
- वैवाहिक सुख: विवाह में देरी या रिश्तों में तनाव कम होता है।
- स्वास्थ्य सुधार: तनाव, चोट या पुरानी बीमारियों में राहत।
- करियर प्रगति: नौकरी स्थिरता, व्यापार में सफलता और वित्तीय लाभ।
- मानसिक शांति: क्रोध और चिंता में कमी, आत्मविश्वास में वृद्धि।
- कर्म निवारण: पिछले जन्मों के कर्मों का शुद्धिकरण।
- आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव और हनुमान से गहरा संबंध।
ये लाभ ज्योतिषीय विश्वासों पर आधारित हैं और व्यक्तिगत अनुभवों पर निर्भर करते हैं।
मंगल दोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ दिन: मंगलवार, नाग पंचमी, अमावस्या या मृगशीर्ष नक्षत्र।
सर्वश्रेष्ठ महीने: श्रावण (जुलाई-अगस्त), कार्तिक, चैत्र।
विशेष मुहूर्त: कुंडली के आधार पर ज्योतिषी से परामर्श लें।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा कैसे बुक करें?
मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए अभी मंगलनाथ मंदिर में पूजा बुक करें! उज्जैन जाएं या स्थानीय पंडितों से वैबसाइट के माध्यम से संपर्क करें और अपने जीवन में सुख और समृद्धि लाएं! पूजा बुकिंग की अधिक जानकारी के लिए उज्जैन के योग्य पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करें।