उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है?

जानें कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है? और क्या महत्व है

उज्जैन, जिसे महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है, कालसर्प दोष पूजा के लिए भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली स्थलों में से एक माना जाता है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा विभिन्न प्रसिद्ध मंदिरो में आयोजित कराई जाती है। उज्जैन की पवित्र भूमि और यहाँ के मंदिरों की दिव्य ऊर्जा कालसर्प दोष पूजा को विशेष रूप से प्रभावी बनाती है, जिसके कारण देश-विदेश से हजारों लोग प्रतिवर्ष यहाँ पूजा करवाने आते हैं।

पंडित अतुल अग्निहोत्री जी, जो 8 वर्षों से अधिक समय से उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करवा रहे हैं, उज्जैन के सभी मंदिरों में पूजा का आयोजन कराते हैं और शास्त्रोक्त विधि से पूजा संपन्न करवाकर व्यक्ति को दोष के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति दिलाते हैं। आइए उज्जैन के सुप्रसिद्ध मंदिरो के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा के लिए प्रसिद्ध स्थान

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराने से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है की आखिर कालसर्प दोष होता क्या है? इसके क्या प्रभाव है? और इसकी दोष निवारण पूजा कहाँ होती है?

कालसर्प दोष क्या है और इसका प्रभाव?

कालसर्प दोष एक गंभीर ज्योतिषीय योग है जो तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु-केतु के बीच आ जाते हैं। इसके प्रभाव से व्यक्ति को:

  • मानसिक तनाव और अशांति बनी रहती है।
  • करियर में बाधाएँ और वित्तीय नुकसान देखने को मिलता है।
  • वैवाहिक जीवन में कठिनाइयाँ और तनाव पैदा होता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएँ (विशेषकर पेट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी) निरंतर बनी रहती है।

ऊपर बताए गए कालसर्प दोष व उसके नकारात्मक प्रभाव से बचाव के लिए एकमात्र प्रभावी और रामवाण उपाय है कालसर्प दोष निवारण पूजा। यह पूजा उज्जैन में कई प्रसिद्ध स्थानो व मंदिर परिसर में सम्पन्न करायी जाती है जो की निम्नलिखित है:

​उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण के लिए तीन प्रमुख स्थान हैं: रामघाट, सिद्ध आश्रम, और अंगारेश्वर मंदिर। इन स्थानों के बारे में पूरी जानकारी निम्नलिखित है:​

रामघाट (क्षिप्रा नदी तट):

रामघाट, पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन का सबसे पवित्र स्नान घाट है, जो की उज्जैन के प्रमुख घाटों में से एक है। यह स्थान धार्मिक अनुष्ठानों और विशेष रूप से कालसर्प दोष पूजा के लिए प्रसिद्ध है।​

  • पूजा प्रक्रिया: यहाँ कालसर्प दोष पूजा एक दिन में संपन्न होती है, जिसमें लगभग तीन घंटे का समय लगता हैं। पुरुषों के लिए धोती, गमछा या कुर्ता-पायजामा, और महिलाओं के लिए साड़ी या पंजाबी ड्रेस पहनना आवश्यक है। पूजा के बाद इन वस्त्रों को वहीं छोड़ना होता है। काले और हरे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। पंडित अतुल अग्निहोत्री जी द्वारा सम्पूर्ण विधि और नियमों के
  • विशेषता: रामघाट पर भगवान राम ने अपने पिता दशरथ जी के लिए तर्पण संस्कार किया था, जिससे यह स्थान पिंडदान और अन्य धार्मिक क्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ पूजा के बाद नाग प्रतिमाओं का विसर्जन सीधे नदी में किया जाता है। ​

सिद्ध आश्रम:

सिद्ध आश्रम, हरसिद्धि मंदिर के पीछे स्थित एक आध्यात्मिक केंद्र है, जहाँ विभिन्न धार्मिक और ज्योतिषीय अनुष्ठान संपन्न होते हैं।​ यह 400 वर्ष पुराना तांत्रिक सिद्धि स्थल है जहाँ रात्रि में की गई पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है, इस स्थान पर स्वामी करपात्री जी जैसे संतों ने तपस्या की और यहाँ तांत्रिक विधि से दोष शमन होता है

  • कालसर्प दोष पूजा: यहाँ कालसर्प दोष निवारण पूजा विशेष रूप से की जाती है। आश्रम का वातावरण शांत और आध्यात्मिक होता है, जो साधकों को ध्यान और पूजा में सहायता करता है।
  • विशेषता: यहाँ पर पूजा की विशेषता यह है की यहाँ काली माता के सामने पूजा सम्पन्न करायी जाती है, तांत्रिक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है, मुंडन संस्कार सहित पूर्ण अनुष्ठान विधिवत रूप से कराया जाता है। इस पूजा में महिलाएं रात्री पूजा में नहीं जा सकती है। पूजा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करके सम्पर्क करें।

अंगारेश्वर मंदिर:

अंगारेश्वर मंदिर, मंगल दोष और अंगारक और कालसर्प दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर उन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है जो इन दोषों से मुक्ति चाहते हैं।​

  • अंगारक दोष पूजा: जब जन्म कुंडली में राहु, केतु और मंगल एक साथ होते हैं, तो कालसर्प दोष बनता है। इस दोष के निवारण के लिए अंगारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
  • विशेषता: यह अद्वितीय शिवलिंग जो: स्वयंभू और अग्नि तत्व से जुड़ा है कालसर्प दोष और “अंगारक” (मंगल) दोष शांति हेतु विशेष महत्व दर्शाता है। यहाँ पूजा के बाद शिवलिंग का रंग बदलता देखा गया है। यहाँ पर पूजा में लाल चंदन से अभिषेक, 108 आक के पत्ते अर्पित करना और “ॐ अंगारकाय नमः” मंत्र जाप आदि विशेष विधि सम्मिलित है।

इन तीनों स्थानों पर कालसर्प दोष और अन्य ज्योतिषीय दोषों के निवारण के लिए विधिपूर्वक पूजाएँ संपन्न कराई जाती हैं। यदि आप इन दोषों से प्रभावित हैं, तो इन स्थानों पर पूजा करवाना आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा खर्च

उज्जैन मे एक व्यक्ति के लिए की जाने वाली पूजा आम पूजा होती है जिसमे लगभग ₹2,100 का खर्च आता है। मूल पूजा का खर्च ₹2,100 से शुरू होता है, जबकि विशेष अनुष्ठानों के लिए यह खर्च बढ़ सकता है इसकी पूर्ण रूप से सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप पूजा संबन्धित पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क कर सकते है।

उज्जैन में कैसे कराएं कालसर्प दोष पूजा

उज्जैन में कई अनुभवी पंडित कालसर्प दोष निवारण पूजा कराते हैं। विशेष रूप से, पंडित अतुल अग्निहोत्री जी इस क्षेत्र में प्रसिद्ध पंडित हैं, जो की पिछले 8 वर्षो से दोष निवारण पूजा और अनुष्ठान सम्पन्न करते है। अगर आप भी अपनी समस्याओं से निजात पाना चाहते है तो आज ही पंडित जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा बुकिंग की जानकारी प्राप्त करें।

Similar Posts

Leave a Reply