कालसर्प दोष के उपाय: 5 चमत्कारिक उपायों से पाये छुटकारा
कालसर्प दोष को लेकर अक्सर लोग डर या भ्रम में रहते हैं। ज्योतिष में इसके लिए मंत्र, पूजा, या रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ गैर-पारंपरिक और आधुनिक उपाय भी हैं? यहाँ हम कुछ ऐसे तरीकों पर बात करेंगे जो आपकी ऊर्जा, मानसिकता और दैनिक आदतों को बदलकर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
कालसर्प दोष क्या है?
कालसर्प दोष वैदिक ज्योतिष में एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसमें कुंडली के सभी सात ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। इसे “समय का सर्प” माना जाता है, जो जीवन में बाधाएँ, विलंब, और चुनौतियाँ ला सकता है। करियर में रुकावट हो, वैवाहिक जीवन में तनाव, या स्वास्थ्य समस्याएँ, कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति को कई स्तरों पर प्रभावित करता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दोष को न केवल प्राचीन वैदिक उपायों से, बल्कि आधुनिक जीवनशैली और मानसिक शांति की तकनीकों से भी संतुलित किया जा सकता है।
उज्जैन में कालसर्प दोष के उपाय
कालसर्प दोष एक ऐसी स्थिति है जो जीवन में चुनौतियाँ ला सकती है, लेकिन सही उपायों और सकारात्मक दृष्टिकोण से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा, मंत्र जाप, और योग जैसे प्राचीन उपायों को आधुनिक जीवनशैली के साथ जोड़कर आप न केवल दोष के प्रभाव को संतुलित कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में शांति और समृद्धि भी ला सकते हैं।
उज्जैन में कराएँ कालसर्प दोष निवारण पूजा

उज्जैन, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और शिप्रा नदी के तट पर बसा, कालसर्प दोष पूजा के लिए सबसे पवित्र स्थल है। यहाँ की पूजा में शामिल हैं:
- शिप्रा नदी में स्नान, जो नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करता है।
- भगवान गणेश, शिव, और नाग देवताओं की पूजा।
- राहु-केतु मंत्र जाप और हवन।
- ब्राह्मण भोज, जो कर्मिक ऋण को कम करता है।
- कब करें: अमावस्या, नाग पंचमी, या ग्रहण के दौरान।
मंत्र जाप और पूजा
राहु और केतु को शांत करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
- राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”। इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
- केतु मंत्र: “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”। 108 बार नियमित रूप से उच्चारण करें।
- महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…” (शिव की कृपा के लिए)।
- प्रातःकाल रुद्राक्ष माला से जाप करें।
नाग पूजा और दान
- नाग पंचमी पर नाग मंदिर में दूध, चावल, और फूल चढ़ाएँ। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष के प्रभाव में कमी आती है।
- काले तिल, नीले वस्त्र, या सरसों का तेल शनिवार या अमावस्या को दान करें।
- साँपों को नुकसान न पहुँचाएँ, क्योंकि वे नाग देवताओं से संबंधित हैं।
- गरीबों को भोजन, वस्त्र, और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें। यह सकारात्मक कर्मों को बढ़ावा देता है और दोष के प्रभाव को कम करता है।
शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करे
प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करें। यह भगवान शिव को प्रसन्न करता है और दोष के प्रभाव को कम करता है।
उपरोक्त उपायों का लक्ष्य सिर्फ दोष शांत करना नहीं, बल्कि आपको आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति प्रदान करना है। कालसर्प दोष जीवन में अनेक समस्याएं ला सकता है, लेकिन उचित उपायों और पूजा-पाठ से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें?
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