कालसर्प दोष पूजा उज्जैन

उज्जैन में कराएँ कालसर्प दोष निवारण पूजा: जाने लक्षण और उपाय

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा न केवल ज्योतिषीय समस्याओं का समाधान है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक भी है, जो भगवान महाकाल की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाती है। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो उज्जैन में विधि-विधान से पूजा कराकर आप इस दोष के प्रभावों से मुक्ति पा सकते हैं। पूजा से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी या पंडित से परामर्श अवश्य लें और शुभ मुहूर्त में पूजा संपन्न कराएं।

कालसर्प दोष पूजा

कालसर्प दोष क्या है?

भारतीय ज्योतिष में कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह दोष है, जो कुंडली में तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याएं जैसे आर्थिक तंगी, वैवाहिक जीवन में कलह, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है। उज्जैन, जो भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का महत्व

उज्जैन को “महाकाल की नगरी” के रूप में जाना जाता है, जहां भगवान शिव स्वयं महाकाल के रूप में विराजमान हैं। शास्त्रों के अनुसार, उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह स्थान काल (समय) को नियंत्रित करने वाले भगवान महाकाल का निवास है। क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित यह पवित्र नगरी सभी तीर्थों से एक तिल अधिक पुण्य प्रदान करने वाली मानी जाती है।

कालसर्प दोष पूजा उज्जैन
  • धार्मिक मान्यता: ऐसा माना जाता है कि उज्जैन में पूजा करने से कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव पूरी तरह समाप्त हो सकते हैं या उनकी तीव्रता कम हो जाती है।
  • नागपंचमी और विशेष तिथियां: नागपंचमी और पितृ पक्ष जैसे अवसरों पर यहां पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
  • महाकालेश्वर मंदिर: महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

कालसर्प दोष पूजा के लाभ

कालसर्प दोष निवारण पूजा के कई लाभ हैं, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं:

  • आर्थिक समृद्धि: वित्तीय समस्याओं से मुक्ति और व्यापार में वृद्धि।
  • पारिवारिक सुख-शांति: दांपत्य जीवन में सामंजस्य और संतान प्राप्ति में सहायता।
  • स्वास्थ्य सुधार: मानसिक तनाव, अनिद्रा और शारीरिक कमजोरी से राहत।
  • करियर में सफलता: नौकरी और व्यवसाय में उन्नति।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव की कृपा से मानसिक शांति और धार्मिक प्रगति।

कालसर्प दोष पूजा की विधि

कालसर्प दोष निवारण पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है, जो अनुभवी पंडितों द्वारा विधि-विधान के साथ संपन्न की जाती है। यह पूजा आमतौर पर 3 घंटे तक चलती है और इसमें निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

  1. संकल्प: पूजा की शुरुआत यजमान (जातक) के नाम, गोत्र और उद्देश्य के साथ संकल्प लेने से होती है। यदि यजमान उपस्थित नहीं हो सकता, तो उनकी तस्वीर और विवरण के साथ पूजा की जा सकती है।
  2. राम घाट पर स्नान: यजमान को क्षिप्रा नदी के राम घाट पर स्नान करना होता है। यह पूजा से पहले शुद्धिकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  3. मंत्र जाप और हवन: पूजा में राहु-केतु के मंत्रों का जाप, महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। हवन के माध्यम से ग्रहों की शांति की जाती है।
  4. नाग पूजा: चांदी या सोने की नाग मूर्ति की पूजा की जाती है, जिससे देवी लक्ष्मी और नौ प्रकार के सर्पों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  5. दान और प्रसाद: पूजा के अंत में दान-दक्षिणा दी जाती है और यजमान को प्रसाद प्रदान किया जाता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है?

उज्जैन भारत का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यहां कालसर्प दोष निवारण के लिए तीन प्रमुख स्थानों पर पूजा कराई जाती है:

  1. रामघाट – शिप्रा नदी के तट पर स्थित, यह अत्यंत पवित्र स्थान है जहाँ पर पहले स्नान के बाद पूजा की जाती है।
  2. सिद्ध आश्रम – एक शांत वातावरण में, अनुभवी पंडितों द्वारा विधिवत पूजा करवाई जाती है।
  3. अंगारेश्वर महादेव मंदिर – यहाँ विशेष रूप से शिवलिंग पर अभिषेक के साथ कालसर्प दोष पूजा कराई जाती है।

उज्जैन में क्यों कराएँ कालसर्प पूजा?

  1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: भगवान शिव की उपस्थिति में की गई पूजा का प्रभाव अद्वितीय होता है।
  2. मंगलनाथ मंदिर: मान्यता है कि यहाँ मंगल ग्रह का जन्म हुआ था, जो राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित करता है।
  3. शिप्रा नदी का महत्व: पूजा के बाद शिप्रा स्नान से कर्म शुद्धि होती है।
  4. अनुभवी पंडित: उज्जैन के पंडितों को वैदिक अनुष्ठानों का गहन ज्ञान है।

उज्जैन में कालसर्प पूजा का शुभ मुहूर्त

कालसर्प दोष पूजा के लिए कुछ विशेष तिथियां और मुहूर्त अत्यंत शुभ माने जाते हैं:

  • नागपंचमी: यह दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
  • पितृ पक्ष: आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रथमा से अमावस्या तक पूजा की जा सकती है।
  • वर्ष 2025 के लिए मुहूर्त: पूजा के लिए सही मुहूर्त जानने हेतु पंडित जी से संपर्क करें। उज्जैन में वर्षभर पूजा होती रहती है, लेकिन विशेष तिथियों पर लाभ अधिक होता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा में कितना खर्च आता है?

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का खर्च विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे पंडित की दक्षिणा, पूजा सामग्री और व्यवस्था। सामान्यत पंडित अतुल अग्निहोत्री जी के अनुसार:

विशेष व्यवस्था: विशेष पूजा खर्च ₹5,100 से अधिक भी हो सकता है।

न्यूनतम खर्च: न्यूनतम पूजा खर्च ₹2100 से शुरूहोता है।

उज्जैन में कैसे करें कालसर्प दोष पूजा बुकिंग

क्या आप उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराने की योजना बना रहे हैं? अपनी पूजा बुक करने के लिए आज ही उज्जैन के विश्वसनीय पंडित अतुल अग्निहोत्री जी से संपर्क करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं! नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और अपनी पूजा बुक करें।

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